जैसा कि सबको विदित है कि आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव
का चारो ओर शोर है . भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ हर जाति ,
हर समुदाय के लोग बसते है . ऐसी अनेकता में एकता समस्त संसार
में मिलना असंभव है .
किन्तु शायद ये हमारा दुर्भाग्य ही है की हमारे नेता , देश का प्रतिनिधितित्व करने वाले लोग अपनी राजनीति की ईमारत की नींव जाति रूपी ईट पर खड़ी करते है . सत्ता प्राप्ति के लिए ये किसी भी हद को पर कर जाते है . आज भारत भ्रष्टाचार से त्रुस्त है और उसका एक प्रमुख कारण जातिवाद है . आमतौर पर देखा जाता है की कोई भी प्रत्याशी अपनी जाति , अपने धर्म के लोगो के बीच वोट मांगने जाता है और यदि जीत जाता है तो विकास भी उसी छेत्र का करता है , किन्तु अपने छेत्र के सभी जनों का विकास करना उसका दायित्व है , जिसे वो नहीं निभाता . जाति , धर्म के नाम पर ही जनता के बीच दंगे करवाए जाते है जो कि निंदनीय है .
आज जनता को आगे आकर इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए और इस जातिवाद नामक बीमारी को देश से बाहर निकालना चाहिए , किन्तु इसके लिए जन सहयोग की आवशयकता है .
किसी भी चुनाव में समस्त शक्ति जनता में निहित होती है अतः जनता से नर्म निवेदन है कि सही उम्मीदवार का चयन करे. जाति अथवा धर्म के प्रवाह में बहकर किसी गलत उम्मीदवार को ना चुने . क्योकि ये देश के लिए हानिकारक हो सकता है .
अगर वास्तव में भारत को एक धर्मनिरपेक्ष , पंथनिरपेक्ष राष्ट्र बनाना है तो हमें साथ आकर जाति अथवा धर्म के दानव का वध करना होगा .
किन्तु शायद ये हमारा दुर्भाग्य ही है की हमारे नेता , देश का प्रतिनिधितित्व करने वाले लोग अपनी राजनीति की ईमारत की नींव जाति रूपी ईट पर खड़ी करते है . सत्ता प्राप्ति के लिए ये किसी भी हद को पर कर जाते है . आज भारत भ्रष्टाचार से त्रुस्त है और उसका एक प्रमुख कारण जातिवाद है . आमतौर पर देखा जाता है की कोई भी प्रत्याशी अपनी जाति , अपने धर्म के लोगो के बीच वोट मांगने जाता है और यदि जीत जाता है तो विकास भी उसी छेत्र का करता है , किन्तु अपने छेत्र के सभी जनों का विकास करना उसका दायित्व है , जिसे वो नहीं निभाता . जाति , धर्म के नाम पर ही जनता के बीच दंगे करवाए जाते है जो कि निंदनीय है .
आज जनता को आगे आकर इसके विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए और इस जातिवाद नामक बीमारी को देश से बाहर निकालना चाहिए , किन्तु इसके लिए जन सहयोग की आवशयकता है .
किसी भी चुनाव में समस्त शक्ति जनता में निहित होती है अतः जनता से नर्म निवेदन है कि सही उम्मीदवार का चयन करे. जाति अथवा धर्म के प्रवाह में बहकर किसी गलत उम्मीदवार को ना चुने . क्योकि ये देश के लिए हानिकारक हो सकता है .
अगर वास्तव में भारत को एक धर्मनिरपेक्ष , पंथनिरपेक्ष राष्ट्र बनाना है तो हमें साथ आकर जाति अथवा धर्म के दानव का वध करना होगा .
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